Composition Scheme in very brief in Hindi
जी एस टी रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद बिज़नेस करने वालों को बहुत से नियमों को मानना पड़ता है | जी एस टी नियमों के अनुरूप एकाउंट्स मेन्टेन करने होते हैं | और जी एस टी नियमों के अनुरूप डिपार्टमेंट में विवरणी दाखिल करनी होती है |
इस वजह से बिज़नेस करना मुश्किल हो जाता है | छोटे बिज़नेसो को इन मुश्किलों से बचाने के लिए सरकार ने जी एस टी कम्पोजीशन स्कीम शुरू की है |
GST कम्पोजीशन स्कीम में डेढ़ करोड़ से कम टर्नओवर वाले रजिस्टर कर सकते हैं |
सर्विस प्रोवाइडर के केस में कम्पोजीशन स्कीम ऑप्ट करने के लिए treshhold लिमिट (टर्नओवर की ) पचास लाख रूपए है |
- कम्पोजीशन स्कीम में मैन्युफैक्चरर के लिए रेट ऑफ़ टैक्स है 1 % टर्नओवर का |
- ट्रेडर के लिए कम्पोजीशन में 1% टैक्सेबल टर्नओवर का लगता है |
- रेस्टोरेंट को कम्पोजीशन स्कीम में टर्नओवर का 5% टैक्स लगता है |
- GST कम्पोजीशन स्कीम में 4 क्वाटर्ली Return फाइल करनी होती हैं | उनका नाम है CMP 08 | इसके अलावा साल के अंत में एक Return फाइल करनी होती है 9A |
- GST में कम्पोजीशन स्कीम में रजिस्टर्ड पर्सन इंटरस्टेट आउटवर्ड सप्लाई नहीं कर सकते |
कम्पोजीशन स्कीम में रजिस्टर्ड डीलर नॉन टैक्सेबल गुड्स ( पेट्रोल, Liquor etc ) की सप्लाई बिलकुल नहीं कर सकते |
इसके अतिरिक्त 4 टाइप्स के मनुफक्चररस को कम्पोजीशन स्कीम लेना मना है |