GST कोर्स का प्रारूप

GST Course Structure

जी एस टी का कोर्स निम्न विभागों में विभक्त किया जा सकता है :-

  1. बेसिक्स
  2. एकाउंटेंसी एवं रिकॉर्ड
  3. जी एस टी return तैयार करना
  4. Return फाइल करना
  5. नोटिस / कोर्ट केस इत्यादि
  1. बेसिक्स
    जी एस टी युग में प्रत्येक बिज़नेस पर्सन को जी एस टी के बारे में कुछ बातें जानने की जरूरत होती है | जैसे के रजिस्ट्रेशन की जरूरत है कि नहीं, रजिस्ट्रेशन किस प्रकार करवाये, कैंसिल किस प्रकार करवाये, जी एस टी के बिना किस प्रकार बिज़नेस करें, कम्पोजीशन स्कीम क्या होता है, रेगुलर स्कीम क्या होता है | इन प्रकार की जानकारी होने पर कुछ लोग जी एस टी रजिस्ट्रेशन करवाते है |
    उसके बाद जी एस टी के रिकार्ड्स और एकाउंटेंसी इत्यादि का ध्यान रखना होता है |

  2. एकाउंटेंसी एवं रिकॉर्ड
    जी एस टी में कूदने के बाद कानूनन कई प्रकार के रिकॉर्ड रखने होते हैं | एकाउंट्स मेन्टेन नियमानुसार करने होते है | यह कार्य कई बार अकाउंटेंट के जिम्मे होता है | अकाउंटेंट साहब न तो रजिस्ट्रेशन करवाने जाते है और न ही return फाइल करते हैं | वो बस सही रिकॉर्ड रखते हैं और जी एस टी के नियमों के अनुसार बही खाते / एकाउंट्स / रिकार्ड्स रखते है |

    कई बार अकाउंटेंट साहब ज्यादा जानकार और अनुभवी होने पर बनाये गए रिकार्ड्स / एकाउंट्स के हिसाब से एक रिपोर्ट भी बना देते हैं जो कि कागज पर या एक्सेल / स्प्रेड शीट इत्यादि में होती है | इस रिपोर्ट को जी एस टी return बनाना कहते हैं | यह रिपोर्ट वकील साहब को दी जाती है या जी एस टी सुविधा सेण्टर में दी जाती है |

    वहां पर विभिन्न सॉफ्टवेयर की सहायता से / जी एस टी पोर्टल पर return फाइल की जाती है | Return फाइल करने को विवरणी दाखिल करना भी कहते हैं |
  3. जी एस टी return तैयार करना
    अकाउंटेंट साहब के काम के बाद जी एस टी return तैयार करने का काम होता है | यह काम कोई अकाउंटेंट कर पाता है कोई नहीं कर पाता | कई बार अन्य एक्सपर्ट जैसे चार्टर्ड अकाउंटेंट / वकील / जी एस टी एक्सपर्ट की सहायता से return तैयार की जाती है | यह एक रिपोर्ट है जो कि एक्सेल में या कागज पर या किसी अन्य सॉफ्टवेयर में तैयार की जा सकती है |

    अंतिम तिथि का ध्यान रखकर यह रिपोर्ट return फाइल करने वाले को दी जाती है | जी एस टी एन ( GST नेटवर्क ) एक सरकारी तंत्र है जिसमे जी एस टी return डाली जाती है जो कि किसी वेबसाइट, सरकारी वेबसाइट, सरकारी सॉफ्टवेयर या सरकार से मान्यता प्राप्त सॉफ्टवेयर की सहायता से डाली जाती है | यह कार्य ऑनलाइन ही किया जाता है | अगर जी एस टी return अकाउंटेंट साहब ने कागज पर बना कर दी है तो जी एस टी return फाइल करने वाले व्यक्ति को ऑनलाइन डाटा एंट्री करनी होती है | इसके बाद जी एस टी return ऑनलाइन फाइल की जाती है | जी एस टी return को फाइल करना जी एस टी विवरणी दाखिल करना भी कहलाता है |
  4. Return फाइल करना
    जी एस टी return फाइल करने का काम नया काम है | जी एस टी से पहले वैट सिस्टम था | वैट में किसे रजिस्ट्रेशन करवाना है कैसे एकाउंट्स मेन्टेन करने हैं रिकॉर्ड मेन्टेन करने हैं return भरने के लिए रिपोर्ट तैयार करनी है यह सब काम करने के लिए पहले से एक्सपर्ट मौजूद हैं | उनको बस थोड़ी ही बातें नई सीखने की जरूरत है | जी एस टी return फाइल करने का काम एक नए प्रकार का काम है | जिसके लिए market में कई एक्सपर्ट्स की जरूरत है | जो कि एकाउंट्स मेन्टेन नहीं करते लेकिन एकाउंट्स की सहायता से return भरने के लिए किस प्रकार रिपोर्ट तैयार करनी है इसकी बेसिक नॉलेज रखते है | अंतिम तिथि का ध्यान रखते है | सॉफ्टवेयर की सहायता से return दाखिल करते हैं | उसकी रसीद निकालते है | इत्यादि | कौन कौन सी return दाखिल करनी हैं उनका नाम पता होता है | छोटे बिज़नेस मैन के लिए कौन कौन से फॉर्म भरने है और बड़े बिज़नेस मैन को कौन कौन से फॉर्म भरने हैं इसके एक्सपर्ट होते हैं |
  5. नोटिस / कोर्ट केस इत्यादि
    ऊपर लिखे गए विभिन्न कामों के बाद किसी की भी गलती से नोटिस आ सकता है | उसके लिए नोटिस का जवाब देना हो सकता है या फिर कोर्ट में जाना पड़ सकता है | अपने जी एस टी क्लाइंट का डिपार्टमेंट में प्रतिनिधित्व करना पड़ सकता है | इसके लिए वकील साहब हैं, चार्टर्ड अकाउंटेंट साहब हैं या फिर डिपार्टमेंट में जी एस टी कार्य के लिए रजिस्टर्ड विभिन्न प्रोफेशनल हैं |

उपरोक्त विभिन्न प्रकार का कार्य है जो कि जी एस टी सम्बंधित है | यदि आप सीखने की शुरुआत कर रहे हैं पहले उपरोक्त में से किसी एक पार्ट से शुरुआत करें |

यह भी देखें :-

GST बेसिक्स

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